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देव साहब की यादों में इंदिरा गांधी

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               *देव साहब की यादों में इंदिरा गांधी*          __________________________________ देव साहब इंदिरा जी को याद करते हुए लिए लिखते हैं -  "समय की धारा बड़ी जल्दी-जल्दी अपनी करवट बदलती हैं. उस समय अपने समय की गूँगी गुड़िया अब भारत की शक्तिशाली नेत्री बन चुकी थी और आपातकाल की घोषणा के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी निरंकुश शासक बन चुकी थीं. उस समय एक नारा प्रचलित हो चुका था “ Indra is India, India is Indra .” श्रीमती इंदिरा गाँधी का छोटा बेटा संजय गांधी एक तरह से सरकार की बागडोर अपने हाथों में ले कर असंवैधानिक कार्य करने में व्यस्त था. हर कोई उस समय संजय गांधी को इंदिरा गाँधी का उत्तराधिकारी मान चुका था. जबकि संजय गांधी सरकार को अपने मनमाने ढंग से चला रहा था तो इंदिरा गांधी स्वामियों के चक्कर में पड़ी हुई थी. कांग्रेस का यूथ विंग संजय गांधी को आने वाले भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर रहा था. जो कि भारत को नयी ऊँचाइयों पर ले जाने वाला था. यूथ विंग की एक बड़ी खूबसूरत महिला ने मुझे और फ़िल्म जगत की नामचीन हस्त...

हारो मत जीत लो अपने को

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हारो मत जीत लो अपने को  ------------------------------------- अपने देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने मिल जाए ये हर खिलाड़ी का ख्वाब होता है, लेकिन जब आप टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार का आंकड़ा पार कर लेते हैं तो आप महानतम बन जाते हैं.. स्टीव स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में ज़बरदस्त वापसी करते हुए ये मुकाम पार कर लिया है, साथ ही आज टेस्ट क्रिकेट में 36वां शतक लगा दिया है. रूट तो 13 हज़ार रन के मुहाने पर खड़े हैं.. विलियम्सन भी दस हजार रन पहुंच ही जाएंगे वहीँ शतकों में विराट से आगे हैं.  रूट, स्मिथ, विलियम्सन तीनों जबरदस्त फॉर्म में चल रहे हैं और लगातार रन बना रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में एक समय इन तीनों से काफ़ी आगे चल रहे विराट कोहली आज संघर्ष कर रहे हैं, क्रिकेट एक्सपर्ट तो चुका बता रहे हैं... मैं सोच रहा हूँ जब हमसे पीछे वाले आगे निकल जाएं और हमारे चेहरे पर उनकी गाड़ी की धूल हो तो हम टूट चुके होते हैं! उस समय हम मोटिवेशन कैसे ले पाते होंगे? एक अवॉर्ड फंक्शन में शाहरुख खान राजकुमार राव से पूछ रहे थे - "तुम स्क्रिप्ट कैसे चुनते हो? आजकल तुम्हारी फ़िल्में ज़बरदस्त चल रही हैं! पू...

इतिहास के दर्पण में शिवाजी

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इतिहास के दर्पण में शिवाजी  शिवाजी महाराज जैसा राजा आधुनिक इतिहास में हुआ ही नहीं है, और न होगा. छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू पुनरुत्थान के लिए याद ज़रूर किए जाते हैं लेकिन उनका आचरण भगवान राम जैसा धर्म - जाति निरपेक्ष था. जिनके हृदय में किसी के लिए भी नफ़रत नहीं थी... खुद के जीते हुए राज्य की महिलाओं के पैर छूकर माँ कहकर अभयदान देने वाले महापुरुष थे.  कोई अकड़ नहीं समझौते करते थे, झुकना और झुकाना जानते थे... कुशल योद्धा थे...औरंगज़ेब के दरबार में ललकारना एवं बचपन में ही आदिलशाह के दरबार में मुखालिफ़त उन्हें निर्भीक नायक बनाती है. टोकरी में छुपकर बाहर निकलना उनकी कुशल रणनीति थी जो इतिहास में दर्ज है...औरंगज़ेब से पुनः अपने 24 किले छीन लेना उन्हें छत्रपति बनाती है.  नौसेना की महत्ता को मानने वाले शिवा जी ने उस दौर में भी नौसेना का निर्माण किया था... शिवाजी ने छोटी सी उम्र में ही आदिल शाही सल्तनत को नेस्तनाबूद कर दिया था, ये शिवाजी ही थे, जिन्होंने औरंगज़ेब को अपने राज्य से दूर रहने के लिए मजबूर कर दिया था.  शिवाजी महिलाओं की बहुत इज्ज़त करते थे, महिलाओ...

नदियों के मायका मध्यप्रदेश में नदियों की दुर्दशा

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नदियों के मायका मध्यप्रदेश में नदियों की दुर्दशा मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है l एमपी अपने सुन्दर वनों, प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर देश के मध्य में स्थित अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण देश के हृदय प्रदेश के रूप में जाना जाता है l मध्यप्रदेश न तो उत्तर भारत का हिस्सा है और न ही दक्षिण का हिस्सा है, मध्यप्रदेश को हिन्दुस्तान की धड़कन कहा जाता है l पूरे देश की संस्कृति को अपने आप में समेटे मध्यप्रदेश भारत की संस्कृति का नायाब प्रदेश है l एमपी में रेत माफियाओं का डेरा एमपी एक ऐसा राज्य है जहां कुल मिलाकर 207 नदियां बहती हैं। यहां ऐसी कई नदियां हैं, जो देश में पानी के पीने, और किसानों के लिए पानी की आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं l मध्य प्रदेश ही एक ऐसा प्रदेस है, जहां छोटे से लेकर बड़ी नदियां बहती हैं। यही वजह है, इस राज्य को नदियों का मायका कहते हैं। मध्यप्रदेश को रिवर स्टेट भी कहा जाता है l मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, हालांकि सबसे बड़े राज्य राजस्थान में रेगिस्तान ही ज़्यादा है लेकिन एमपी में सुन्दर, घने जंगल एमपी की सबसे बड़ी...

फीस के नाम पर जेब पर ‘डाका’ डाल रहे निजी स्कूल

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दिलीप कुमार पाठक  लेखक /पत्रकार नई दिल्ली  मो : 9755810517  फीस के नाम पर जेब पर ‘डाका’ डाल रहे निजी स्कूल  स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है l छोटे - छोटे बच्चों के स्कूल जाने की बड़ी - बड़ी चिंताएं पैरेंट्स के चेहरों पर साफ़ तौर पर देखी जा सकती हैं l ये विकसित भारत के रास्ते पर बढ़ते हुए नए भारत की नई इबारत है जो बच्चों की पढ़ाई के नाम पर जमकर लूटकर लिखी जा रही है l हम दूसरों के उदहारण बताते रहते हैं दर-असल मेरे भतीजे के लिए नए स्कूल का चुनाव बड़ा कठिन था क्योंकि सुविधाओं के नाम पर प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाई की फीस के नाम पर डाका ड़ाला जा रहा है l हमारे 04 साल के भतीजे के स्कूल में एडमिशन फीस 35 हज़ार लिए गए l वहीँ 08 साल के बच्चे के एडमिशन के लिए 50 हज़ार लिए गए l इसको फीस के नाम पर डाका क्यों न कहा जाए ? हमारे देश में अधिकांश लोग मुश्क़िल से रोज़ी - रोटी कमा पाते हैं, अब सवाल ये उठता है कि जब देश की अधिकांश जनता अभी आर्थिक रूप से कमज़ोर है तो क्या ये स्कूल गरीबों के मखौल उड़ाने के लिए खुले हैं? इन स्कूलों में ऐसा क्या पढ़ाया जाता है कि 05 साल के बच्...

रीजनल पार्टियों की बैसाखी कब तक बनी रहेगी काँग्रेस

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क्षेत्रीय पार्टियों की बैसाखी कब तक बनी रहेगी काँग्रेस  कांग्रेस अधिवेशन 2025 गुजरात के अहमदाबाद में शुरू हो गया है l कांग्रेस का अधिवेशन हर साल होता है, बड़े से बड़े नेता इकट्ठा होते हैं पार्टी करते हैं चले जाते हैं l केवल अधिवेशन से कुछ नहीं होगा आज मैं जो बात बोलने जा रहा हूं वह हो सकता है कांग्रेस के नेताओं को हजम ना हो l हालांकि सच तो बोलना होगा l सच्चाई यही है कि हर बार अधिवेशन होता है l तमाम तरह के सुझाव निकलते हैं, मंथन होता है लेकिन जमीन पर कुछ दिखाई नहीं देता l कांग्रेस बार-बार एक ही तरह की गलती दोहराती है, एक ही तरह के मुद्दे लेकिन सीख क्या लेती है? अमल क्या करती है ज़मीन में कहीं दिखाई नहीं देता l  राहुल गांधी बार-बार भाजपा को संविधान विरोधी बोलते हुए आरोप लगाते हैं और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दे उठाते हैं l  लेकिन कांग्रेस पार्टी और विपक्ष चुनाव लड़ने के लिए राजी हो जाते हैं l राहुल गांधी और कांग्रेस हमेशा कहते हैं कि सदन में हमें बोलने नहीं दिया जाता अगर बोलने नहीं दिया जाता तो आप सब सामूहिक इस्तीफा क्यों नहीं देते! अगर आप सामूहिक इस्तीफा द...

ट्रम्प की सनकी नीतियां बदल देंगी वैश्विक परिदृश्य

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ट्रम्प की सनकी नीतियां बदल देंगी वैश्विक परिदृश्य  डोनाल्ड ट्रम्प एक सनकी मिजाज़ इंसान हैं ये हमेशा कहा गया है. जब से उनका दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ है, तब से डोनाल्ड ट्रम्प खुद को दुनिया का स्वघोषित बॉस सिद्ध करना चाहते हैं. हालांकि टैरिफ टैरिफ चिल्लाते हुए ट्रम्प खुद ही एक मज़ाक बनकर रह गए हैं. भारत, यूरोपीय देशों, चाइना आदि के साथ टैरिफ, टैरिफ खेल रहे हैं. दर-असल डोनाल्ड ट्रम्प को लगता है  अगर पूरी दुनिया पर टैरिफ रेट बढ़ा देंगे तो पूरी दुनिया उनके कदमों में गिरेगी ! वहीँ यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेंस्की को व्हाइट हाउस में बेइज्जत करना, या निरंतर भारत गणराज्य के खिलाफ़ बोलना उन्हें अमेरिका में बसे भारतीयों के बीच निंदा का पात्र बनना पड़ रहा है, चूंकि अमेरिका में भारतीयों की ताकत क्या है किसी से छुपा नहीं है.  ग़ैर वीज़ा के रह रहे लोगों को जानवरों की तरह उन्हें मुल्क से निकालना डोनाल्ड ट्रम्प के इस फैसले ने उन्हें एक सनकी असंवेदनशील इंसान घोषित कर दिया है. कुछ दिनों से डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ को लेकर इतना झल्लाए हुए हैं कि लगता है उनके मुँह से टैरिफ के अ...