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छठ : सूर्य के प्रति कृतज्ञता एवं प्रकृति के साथ जुड़ने का महापर्व

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छठ : सूर्य के प्रति कृतज्ञता एवं प्रकृति के साथ जुड़ने का महापर्व (छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर 2025) लोक आस्था का पर्व छठ उत्तर भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है l यूपी, बिहार, झारखंड में दीपावली से भी बड़ा त्योहार छठ माना जाता है l आस्था को वैज्ञानिकता की दृष्टि से देखा जाए तो छठ को इस नजरिए से भी देखा जा सकता है कि सभी लोग प्रत्यक्ष देवता सूर्य की उपासना करते हुए कृतज्ञता का भाव व्यक्त करते हैं l चूंकि हम लोगों ने सूर्य को प्रत्यक्ष देवता के रूप में देखा है, अब चूंकि सूर्य प्रकृति को पोषित करते हैं, पेड़, पहाड़, नदी, समुद्र आदि की मदद करते हैं, जिनसे समस्त जीवो का जीविकोपार्जन होता है l छठ पर्व पर महिलाएं जगत जीव कल्यान की कामनाएं करती हैं l चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व ने जाति, स्त्री - पुरुष के भेद को ख़त्म करने की सीख देता है l आम तौर पर किसी भी व्रत में पुरुषों की भागीदारी नहीं होती, परंतु छठ पर्व का महत्व कुछ ऐसा है कि इसमे महिला पुरुष, यहां तक कि बच्चों की भागीदारी भी होती है, इसलिए कि इसे महिलाओं का व्रत कहकर पुरुष दूर नहीं हो पाते उनकी भी सक्रिय भूमिका होती...

मध्य प्रदेश: बच्चों के लिए असुरक्षित होते भविष्य की ओर?

मध्य प्रदेश: बच्चों के लिए असुरक्षित होते भविष्य की ओर? मध्यप्रदेश को कौशल प्रदेश, शांतिप्रिय प्रदेश कहा जाता है l एमपी के जबलपुर हाईकोर्ट के बाहर एक बड़ा बोर्ड लगा हुआ है जहां लिखा है कौशल प्रदेश, कुशल प्रदेश, शांत प्रदेश  ये थीम एमपी के कानून व्यवस्था की कहानी कहती है l  एमपी के लोगों की मानसिकता अपराध के प्रति घृणा की रही है, आज भी एमपी में अन्य राज्यों की जहां - जहां सीमाएं मिलती हैं वहाँ अपराध कुछ दिखता था, परंतु एमपी की सरकार अपराध को पनपने नहीं देती पहले ही कुचल देती है, परंतु कुछ महीनों से एमपी में अराजकता बढ़ती हुई दिख रही है l जो आम लोगों को भी महसूस हो रही है l बच्चो, महिलाओं के प्रति बढ़ती अपराध की घटनाएं एमपी के लिए किसी बुरे सपने की तरह हैं एमपी ने एक बीमारू राज्य से निकलकर एक विकासशील राज्य की सूची अपनी जगह बनाई है, इसलिए इस अराजकता को पहले से ही कुचलने की आवश्यकता है जिससे एमपी का विकास बाधित न हो l मध्यप्रदेश के प्रमुख महानगरों इंदौर जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, खजुराहो आदि में देश - दुनिया के पर्यटकों का जमावड़ा रहता है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि एमपी ...

संयुक्त राष्ट्र संघ: वैश्विक सामरिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ

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संयुक्त राष्ट्र संघ: वैश्विक सामरिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ आज 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थापना दिवस है, आज के दिन लोगों को जानना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र संघ दुनिया को चलाने में अपनी भूमिका कैसे निभाता है l  पूरी दुनिया के मुल्कों में शांति रहे सभी राष्ट्रों पर एक अंकुश रहे कोई मुल्क किसी दूसरे मुल्क पर अत्याचार न करे, कोई किसी राष्ट्र की सीमा पर क़ब्ज़ा न करे, और पूरी दुनिया में आपसी सहयोग की भावना बढ़े ऐसे उद्देश्यों को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी l परंतु आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो लगता है जैसे संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रभाव कुछ कम हुआ है l लग रहा है जैसे पूरी दुनिया में उसकी पकड़ कमज़ोर होती जा रही है, रूस - यूक्रेन युद्ध, इजरायल - फ़िलीस्तीन युद्घ, अमेरिका की अनावश्यक दादागिरी, चाइना की भूमि विस्तार की नीतियां संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे बड़ी विफलताओं में गिना जा सकता है l बड़े - बड़े मुल्कों में संयुक्त राष्ट्र संघ के नियम नहीं चलते अमेरिका, रसिया, चाइना आदि मुल्कों के सामने संयुक्त राष्ट्र संघ बिल्कुल लाचार हो जाता है l यही कारण है कि...

हिम तेंदुओं के संरक्षण में लद्दाख की पहल

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हिम तेंदुओं के संरक्षण में लद्दाख की पहल (विश्व हिम तेंदुआ दिवस 23 अक्टूबर 2025)  वन्य जीवों के प्रति हमारी संवेदनाएं मृत होती जा रहीं हैं, टाइगर, तेंदुआ, शे'र जैसे जानवरों के लिए हमने जंगलों को छोड़ा नहीं है, यही कारण है कि आज विशाल जनावर कभी - कभी मानव बस्तियों में घुस पड़ते हैं, हमें समझना चाहिए कि जानवर शहरों, गांवों में घूमने नहीं आते बल्कि भूख से भटकते घुस पड़ते हैं, अब चूंकि उनके जंगल हमने ख़त्म कर दिए हैं l यही कारण है कि विश्व मैरीटाइम दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया की सबसे मायावी और लुप्तप्राय हिम तेंदुआ और उनके प्राकृतिक आवास के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 23 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। आज जंगलों में 3,500 से 7,000 हिम तेंदुए रह गए हैं; इनकी सही संख्या अज्ञात है, क्योंकि वे अत्यंत दुर्लभ हैं तथा उनका सर्वेक्षण करना कठिन है। ये जानवर दक्षिणी साइबेरिया से तिब्बती पठार तक, भारत सहित 12 देशों में गुप्त और विरल रूप से वितरित हैं। हिम तेंदुए अपनी खाल और हड्डियों के लिए अवैध शिकारिय...

इंडिया गठबंधन में दरार: एनडीए के लिए अवसर

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इंडिया गठबंधन में दरार: एनडीए के लिए अवसर  बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के दलों के नाटकीय हालात में, पहले एकजुट होकर एनडीए के खिलाफ लड़ने का दावा करने वाला 'इंडिया ब्लॉक' अब गड़बड़ी और भ्रम के एक हास्यास्पद तमाशे में तब्दील हो गया है l चुनाव के पहले चरण के करीब आते ही माहौल एनडीए के खिलाफ कड़े मुकाबले का नहीं बल्कि ऐसे 'फ्रेंडली फाइट्स' का बन गया जो इस गठबंधन की नींव को ही कमजोर कर रहे हैं l इस राजनीतिक नाटक में इंडिया ब्लॉक में मौजूद इस अव्यवस्था से फायदा एनडीए होगा l अभी कुछ दिनों से एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर दिल्ली से लेकर पटना तक उठापटक चल ही रही है, हालांकि पटना पहुंचकर अमित शाह ने मामले को सुलझा लिया है, भले ही भाजपा के सहयोगी दल नाराज़ हों परंतु भाजपा को डैमेज कन्ट्रोल आता है, जो कांग्रेस को बिल्कुल भी नहीं आता l  यहाँ इन्डिया गठबंधन में भी सीट शेयरिंग का फार्मूला तय हो पाया या नहीं कहना बड़ा कठिन है, क्योंकि कई सीटों पर आरजेडी ने कांग्रेस के विरुद्ध उम्मीदवारों को उतार दिया है l खबर ऐसी भी चल रही है कि लालू यादव और तेजस्वी ने कांग्रेस ...

दीपावली :विश्व बंधुत्व का संदेश

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दीपावली :विश्व बंधुत्व का संदेश  दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है l  दीपावली के पावन दिन रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मीजी, विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती देवी की पूजा-आराधना की जाती है। धर्मग्रंथों के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री रामचंद्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने राम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। इसलिए भी ये दिन बेहद खास माना जाता है l इसी दिन गुप्तवंशीय महान राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने अपने 'विक्रम संवत' की स्थापना की थी। धर्म, गणित तथा ज्योतिष के दिग्गज विद्वानों को आमन्त्रित कर यह मुहूर्त निकलवाया कि नया संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मनाया जाए। दीपावली के दिन आतिशबाज़ी की प्रथा के पीछे सम्भवत: यह धारणा है कि दीपावली-अमावस्या से पितरों की रात आरम्भ होती है। कहीं वे मार्ग भटक न जाएं, इसलिए उनके लिए प्रकाश की व्यवस्था इस रूप में की जाती है। इस प्रथा का बंगाल में विशेष प्रचलन है। भारत विविध प्रकार की संस्कृति का देश ...

बिहार की सियासत रोमांचक मोड़ पर

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बिहार की सियासत रोमांचक मोड़ पर  बिहार चुनाव बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है, जैसे क्रिकेट का मैच अत्यधिक रोमांचक हो जाता है l बिहार में फ़िलहाल कोई भी राजनीतिक विश्लेषक खुलकर बोलने की स्थिति में नहीं है, अभी कुछ विशेषज्ञों ने अपने दावों में नीतीश कुमार को चुका बता दिया था, तो आज वही कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने बता दिया है कि टाइगर अभी जिंदा है l एनडीए में दरअसल सीट बँटवारे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा अब एनडीए में जेडीयू को पीछे छोड़कर बड़े भाई की भूमिका में आ चुकी है, परंतु नीतीश कुमार ने अचानक से चुनाव का रुख ही बदल दिया है l जेडीयू ने कहा है कि हमारा गठबंधन भाजपा से है, चिराग पासवान एवं जीतनराम माँझी से नहीं है l चुनाव से पहले एनडीए एवं महागठबंधन के अंदर खींचतान मची है l चुनावी मुकाबले से पहले दोनों ही गठबंधन में शामिल पार्टियां अपनी-अपनी सहयोगियों से लड़ रही हैं l इस झगड़े की जड सीटों का बंटवारा है, महागठबंधन में भी सीटों का बंटवारा हो गया है, वहीं NDA में सीटों का बंटवारा तो हो गया है, लेकिन रह-रहकर उपेंद्र कुशवाहा से लेकर नीतीश कुमार अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं l कुश...