भारतीय वायु सेना: दुश्मनों के लिए कहर, अपनों के लिए प्यार

भारतीय वायु सेना: दुश्मनों के लिए कहर, अपनों के लिए प्यार


भारतीय वायु सेना दक्षिण एशिया में एक प्रमुख शक्ति है, दुश्मनों पर जिसक खौफ़ है, तो मैत्री देशों में जिसकी इज्ज़त भी है, वहीँ पूरे देश को अपनी वायुसेना पर गर्व है l ये वही भारतीय वायु सेना है जिसने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान में लंका दहन करके सबक सिखाया था l पाकिस्तानी मीडिया डिबेट में भारतीय वायु सेना के लिए कहा जाता है कि बांकी तो सब ठीक है, परंतु भारत की वायु सेना से पार पाना बच्चों का खेल नहीं है, भारत की वायु सेना कहर बनकर टूटेगी, और कई बार हुआ ऐसा ही है जब भारत की एयर फोर्स पाकिस्तान पर कहर बनकर टूट चुकी है l कहने में गुरेज नहीं है कि भारत की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना ही निभाती है, आज 08 अक्टूबर को वायु सेना दिवस मनाया जाता, अपनी सेना के प्रति पूरा देश कृतज्ञता का भाव व्यक्त करता है वायु सेना दिवस का प्रमुख उद्देश्य यही है l 

भारतीय वायु सेना पर गर्व करने के कारण कई हैं, चूंकि सेना के नाम पर कई कीर्तिमान दर्ज हैं l भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के साथ 1947-48, 1965, 1971 बांग्लादेश युद्ध और 1999 कारगिल युद्ध के साथ-साथ चीन के साथ एक युद्ध में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है l भारतीय वायु सेना ने गोवा का अधिग्रहण 1961 इसने गोवा को भारतीय संघ में विलय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी l 1984 में वायुसेना ने सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण स्थापित करने वाले ऑपरेशन मेघदूत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वायुसेना ने देश भर में कई आपदा राहत अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि 2013 में केदारनाथ में ऑपरेशन राहत, 2014 में श्रीनगर में ऑपरेशन मेघराघात, और 2018 में केरल की बाढ़ के दौरान, जब भी देश में कोई आपदा आती है भारतीय वायु सेना देवदूत बनकर आती है और लोगों की निस्वार्थ मदद करती है l नेपाल में आए भूकंप से हुए नुकसान के कारण सहायता के लिए ऑपरेशन मैत्री के चलाया गया यह अभियान विदेशी धरती पर वायुसेना द्वारा चलाया गया अब तक का सबसे लंबा बचाव और राहत अभियान था। हाल फ़िलहाल तुर्की में भी भारतीय वायुसेना देवदूत बनकर पहुंची थी, जबकि तुर्की के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्ण थे, इसलिए भी हमें अपनी सेना पर फक्र है l भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे ऊँची हवाई पट्टियों का संचालन करती है और इसने ऐसे वातावरण में भी अपना संचालन बनाए रखा है। भारतीय वायुसेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं में शामिल किया गया है, जो एक महत्वपूर्ण प्रगति है l इस तरह से भारत की वायु सेना के नाम पर सैकड़ों कीर्तिमान दर्ज़ हैं l 


इस बार ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायु सेना दिवस कुछ खास होने वाला है l 08 अक्टूबर को होने वाले वायुसेना दिवस के समारोह में कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेंगे। इस दिन हिंडन एयरबेस पर फ्लाईपास्ट का आयोजन होगा, जिसमें वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। फाइटर जेट्स जैसे सुखोई-30 MKI, मिग-29 और तेजस हवा में अलग-अलग फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट विमान जैसे C-17 ग्लोबमास्टर और C-130J सुपर हरक्यूलस भी अपनी ताकत दिखाएंगे l

7 मई 2025 को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। उसी का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के बड़े शिविर शामिल थे।
ऑपरेशन सिंदूर में हिंडन एयरबेस ने अहम भूमिका निभाई। यहां से विमानों को भेजा गया और पूरी रणनीति को अंजाम दिया गया। इस दौरान हिंडन के सिविल टर्मिनल से कमर्शियल उड़ानों को रोक दिया गया था, ताकि कोई जोखिम न हो। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम सुरक्षा के लिए उठाया गया था, क्योंकि यह टर्मिनल मिलिट्री एयरबेस के अंदर ही है। अभी यहां से 16 उड़ानें चलती हैं, जो बड़े शहरों को जोड़ती हैं, और एयर इंडिया एक्सप्रेस मुख्य एयरलाइन है। पाकिस्तान ने इस हमले का जवाब देने की कोशिश की और भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और गोलीबारी से हमला किया। लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसका करारा जवाब दिया। 9 और 10 मई की रात को वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 बड़े एयरबेस को निशाना बनाया, जिसमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था। इन हमलों में ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने पाकिस्तानी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया।

इस आयोजन में वायुसेना के इतिहास और इसकी उपलब्धियों को भी दिखाया जाएगा। एक खास प्रदर्शनी का आयोजन होगा, जिसमें वायुसेना के पुराने विमानों, हथियारों और तकनीक की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को एक वीडियो के जरिए दिखाया जाएगा, जिसमें इस ऑपरेशन की पूरी कहानी को समझाया जाएगा।
वायुसेना दिवस का यह समारोह न सिर्फ वायुसेना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल होगा। हिंडन में होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर के आसपास के लोग आसानी से इस आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे। साथ ही, इस बार इसे ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका सीधा प्रसारण भी किया जाएगा। दूरदर्शन और कई न्यूज चैनल इस समारोह को लाइव दिखाएंगे, ताकि देश के कोने-कोने में बैठे लोग इसे देख सकें।इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को खास तौर पर आमंत्रित किया जाएगा, ताकि वे वायुसेना की ताकत को देख सकें और उनमें देशभक्ति की भावना जागे। वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं।


दिलीप कुमार पाठक 
लेखक पत्रकार हैं 


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