*ग्लूमी संडे 200 लोगों को मारने वाला गीत*

*ग्लूमी संडे 200 लोगों को मारने वाला गीत*

विलियम शेक्सपियर लिख गए हैं - "संगीत से हर व्यक्ति को प्रेम होना चाहिए, जिस भी व्यक्ति को संगीत पसंद नहीं है, वो इंसान होकर भी पशुवत है". बात सही भी है हम अपनी तत्कालीन मनोदशा के हिसाब से संगीत की ही शरण लेते हैं. हम जिस मूड में होते हैं उसी मूड में गाने सुनते हैं, कभी हम खुश है तो हम खुशमिजाज मूड वाले गीत सुनना पसंद करते है. यदि हम रिलेशनशिप में है तो रोमांटिक मूड के गाने सुनना पसंद करते हैं. ठीक वैसे ही अगर हम उदास होते हैं तो उदास गज़लें सुनना पसन्द करते हैं. हम किसी भी विषय से जुड़ा गाना सुनना चाहते हैं तो हमारे पसन्दीदा गानों की एक लिस्ट होती है. हर व्यक्ति गाने सुनता है, संगीत जीता है. 

दुनिया कितनी रहस्यमयी होती है या बना दी जाती है. हम सभी को खुद से पूछना चाहिए क्या संगीत मनहूस हो सकता है? एक तो हम इंसान संगीत को जीते हैं, संगीत हमें ज़िन्दा रखता है, लेकिन इसके विपरीत दावा किया जाता है कि एक हंगेरियन गीत 'ग्लूमी संडे' दुनिया का सबसे रहस्यमयी गीत है जो अपनी मनहूसियत के लिए विश्वविख्यात है. इस वृतांत को बताने का उद्देश्य डराना नहीं है बल्कि इस वहम को दूर करना है. अभी तक जितने भी दार्शनिक हुए हैं वो दुनिया को लेकर कहते हैं - "दुनिया में कोई रहस्य नहीं है ये सब आदमी की अपनी सोच की उपज होती है. 

कहा जाता है कि यह 'ग्लूमी संडे' गाना गीतकार ने अपनी खुद की व्यथा पर लिखा था. यह गीत भी टूटे प्यार का एक किस्सा है. इस गीत में इतना दर्द था इतनी उदासी थी कि लोग इसे सुनने के बाद खुदकुशी कर लेते थे. हंगरी के गीतकार 'रेजसो सेरस' ने इसे उदासी से भरे मूड लिखा था. कहते हैं उसी दौरान हंगरी में लोगों के फांसी लगाकर आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ने लगी थी. इस गाने के शब्दों में है कि दुनिया में मानवता का अंत हो रहा है, गाने के अंदर दया की भीख मांगी गई है. गाने में कहा गया है ज़िन्दा नहीं बल्कि मरे हुए लोग सड़कों पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीँ घास के मैदान खून से लाल हैं. गीत को बड़ी मुश्किल से रिकॉर्ड किया गया कुछ  बाद 1935 में ही एक मोची ने बुडापेस्ट में आत्महत्या करते हुए उसने सुसाइड नोट में 'ग्लूमी संडे' गाने की पंक्तियों का जिक्र करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं. उस दौर में कई लोगों ने इस गाने को सुनकर खुदकुशी की थी. इस गाने को सुनने के बाद लोग बिना सोचे समझे मौत को गले लगा लेते थे. इस वजह से इसे दुनिया का सबसे मनहूस गाना भी कहा जाता है.

'रेजसो सेरेज' ने यह गाना अपनी प्रेमिका पर बनाया था. 'रेजसो सेरेज'  अपनी प्रेमिका से बहुत प्यार करते थे लेकिन उनकी प्रेमिका ने उन्हें धोखा दे दिया और उनसे रिश्ता तोड़ लिया. प्रेम में धोखा खाए गीतकार ने अपनी वेदना इस गीत में उड़ेल दी थीं. एक टूटे दिल आशिक के माफ़िक उन्होंने अपने दर्द को 30 मिनट में ही एक गाने में पिरोया. रेजसो सेरेज का यह दर्द केवल उन तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह कई लोगों की मौत का कारण बना.

इसके बाद तो अचानक से आत्महत्या के मामले बढ़ते गए. तब हंगरी में इस गाने पर बैन लगा दिया गया था. 35 साल बाद ग्लूमी संडे के कंपोजर 'रेजसो सेरेस' ने खुद भी आत्महत्या कर लिया था. साथ ही यह भी दावा किया जाता है कि उन्होंने जिस प्रेमिका के लिए यह गाना लिखा था, उन्होंने भी जहर खा कर आत्महत्या कर ली थी और उनके सुसाइड नोट में सिर्फ 'ग्लूमी संडे' गीत का जिक्र था. हंगरी सरकार ने तात्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए इस 'ग्लूमी संडे' गीत पर बैन लगा दिया गया. गाने को 62 साल तक बैन रखा गया, हालांकि, 2003 में इस गाने पर लगी रोक को हटा दिया गया और अब यह गीत यूट्यूब पर उपलब्ध है. गाना  मनहूस है या नहीं ये तो सुनने वाले डिसाइड करें, और सोच में पल रहे मकड़जाल को साफ करें. कोई गीत उदासी मूड का हो सकता है, लेकिन यह कहना कि यह गीत मनहूस है यह तो एक कला का अपमान है. आधुनिक दौर के लोग वैसे भी इस वहम को मानते नहीं है, लेकिन इस गीत को लेकर तिलिस्म आज भी बना हुआ है, जो किसी रहस्य से कम नहीं है.

दिलीप कुमार पाठक 

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