ट्रम्प की सनकी नीतियां बदल देंगी वैश्विक परिदृश्य
ट्रम्प की सनकी नीतियां बदल देंगी वैश्विक परिदृश्य
डोनाल्ड ट्रम्प एक सनकी मिजाज़ इंसान हैं ये हमेशा कहा गया है. जब से उनका दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ है, तब से डोनाल्ड ट्रम्प खुद को दुनिया का स्वघोषित बॉस सिद्ध करना चाहते हैं. हालांकि टैरिफ टैरिफ चिल्लाते हुए ट्रम्प खुद ही एक मज़ाक बनकर रह गए हैं. भारत, यूरोपीय देशों, चाइना आदि के साथ टैरिफ, टैरिफ खेल रहे हैं. दर-असल डोनाल्ड ट्रम्प को लगता है अगर पूरी दुनिया पर टैरिफ रेट बढ़ा देंगे तो पूरी दुनिया उनके कदमों में गिरेगी ! वहीँ यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेंस्की को व्हाइट हाउस में बेइज्जत करना, या निरंतर भारत गणराज्य के खिलाफ़ बोलना उन्हें अमेरिका में बसे भारतीयों के बीच निंदा का पात्र बनना पड़ रहा है, चूंकि अमेरिका में भारतीयों की ताकत क्या है किसी से छुपा नहीं है. ग़ैर वीज़ा के रह रहे लोगों को जानवरों की तरह उन्हें मुल्क से निकालना डोनाल्ड ट्रम्प के इस फैसले ने उन्हें एक सनकी असंवेदनशील इंसान घोषित कर दिया है.
कुछ दिनों से डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ को लेकर इतना झल्लाए हुए हैं कि लगता है उनके मुँह से टैरिफ के अलावा दूसरा शब्द मुश्किल से ही निकलता होगा. ग़ज़ब तो तब हो गया जब यूरोपीय देशों एवं चाइना, कनाडा ने भी अमेरिका पर टैरिफ रेट बढाकर ट्रम्प को मुँहतोड़ जवाब दिया है. कोई भी संप्रभुतावादी मुल्क हो उसको यही करना चाहिए. हालांकि दुःख होता है जब भारत सरकार टैरिफ को लेकर ट्रम्प की इस नीति का विरोध नहीं किया, भारत हमेशा से ही गुटनिरपेक्ष नीति का समर्थक रहा है, अमेरिका भारत से बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन भारत की संप्रभुता का सम्मान करे भारत जैसे मुल्क को ट्रम्प रोज टैरिफ की धमकी देते रहते हैं. अब तक भारत सरकार की चुप्पी खल रही है, जब सभी मुल्क ट्रम्प के सामने अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ते दिख रहे हैं तो हम चुप क्यों हैं ?
डोनाल्ड ट्रंप आजकल अपने मुल्क में ही मज़ाक के पात्र बने हुए हैं. इन दिनों अमेरिका में अपने नागरिकों का कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है. हजारों की संख्या में अमेरिकी नागरिकों ने शनिवार को अमेरिका के अलग-अलग शहरों में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ रैलियां निकाली. बताया जा रहा है कि इन रैलियों का मकसद टैरिफ, कर्मचारियों की छंटनी, अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और मानवाधिकार समेत कई मुद्दों पर अपना विरोध जताने का है. ये प्रदर्शनकारी ट्रंप सरकार के कई कार्यकारी आदेशों के खिलाफ भी सड़कों पर उतरे हैं. ट्रंप की नीतियों का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कर्मचारियों में कटौती से लेकर व्यापार शुल्क और नागरिक स्वतंत्रता के हनन के मुद्दे वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फ्लोरिडा, कोलोराडो और लॉस एंजिल्स सहित अन्य शहरों में रैली निकाली.
न्यूयॉर्क की चित्रकार शाइना केसनर ने इस प्रदर्शन को लेकर कहा कि मैं बहुत गुस्से में हूं. इस सरकार की नीतिया सही नहीं लग रही हैं. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारे पास लगभग 100 लोग हैं जो न्यू हैम्पशायर से बस और वैन द्वारा इस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए आए हैं. हमें दुनिया भर में अपने सहयोगियों को खोना पड़ रहा है, पूरी दुनिया अमेरिका के खिलाफ़ हो गई है हम ये नहीं चाहते और यहां घर पर लोगों के लिए तबाही का कारण बन रहा है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'मैं महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित हूं. आज मैं यहां हूं क्योंकि यह हमारा महासागर और हमारा नमक है. जहां तक विश्व वाणिज्य और विश्व विनिमय का सवाल है. हमारे पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है. पहले मैं, पहले मेरा देश, पहले मेरा उत्पाद का यह लालच दुनिया और मानवता के लिए अस्थिर है. प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और मस्क को अमेरिका के लिए खतरा बताया और कहा कि दोनों मिलकर देश को नष्ट करने में लगे हुए हैं. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'मैं लगभग दो साल से कोलकाता में रह रहा हूं. यह वह शहर है, जहां देवी मां काली, एक महान और शक्तिशाली शक्ति अभी भी निवास करती हैं. वह शक्ति पूरे भारत और दुनिया में निवास करती हैं. वाशिंगटन स्मारक पर हम सभी लोग आज कह रहे हैं कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प इतिहास में अपराधियों के रूप में जाने जाएंगे. इन लोगों को सत्ता में बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालते ही इस बात का भी ऐलान किया था कि अब अमेरिका में सिर्फ दो जेंडर यानी महिला औऱ पुरुष ही रहेंगे. किसी भी जगह पर तीसरे जेंडर के लोगों को जगह नहीं मिलेगी. बताया जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान तीसरे जेंडर का मामला भी उठाया जा रहा है. ट्रंप सरकार की नीतियों के खिलाफ शनिवार को अमेरिका भर में 1000 से ज्यादा प्रदर्शन किए गए. इन प्रदर्शन का नाम 'हैंड्स ऑफ' रखा गया था. इनमें नागरिक अधिकार संगठनों, श्रमिक संघों, पूर्व सैनिकों और चुनाव कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया. डोनाल्ड ट्रंप कुछ दिन पहले ही भारत समेत दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. ट्रंप ने भारत पर भी 26 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. भारत के अलावा औऱ जिन देशों पर टैरिफ लगाया गया उनमें चीन, मलेशिया, कनाडा, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं. ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद से अक्सर विरोध-प्रदर्शन होते रहे हैं लेकिन 'हैंड्स ऑफ!' प्रोटेस्ट महिला मार्च 2017 और ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन 2020 के बाद सबसे बड़ा जनांदोलन माना जा रहा है. लेकिन कई प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि शनिवार की ये लहर सिर्फ शुरुआत है. ट्रम्प सोच रहे थे टैरिफ बढ़़ाकर पूरी दुनिया को झुका लेंगे लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प अपने देश के लोगों के द्वारा ही नकारे जा रहे हैं.
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