समाज के लिए खतरा बनता अपराधियों का महिमामंडन

समाज के लिए खतरा बनता अपराधियों का महिमामंडन
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किसी हिन्दी फ़िल्म की तरह महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कई बार के विधायक अभिनेता सलमान खान के क़रीबी नेता बाबा सिद्दीकी की निर्मम हत्या कर दी गई. किसी पूर्व मंत्री की हत्या हो जाना, कानून व्यवस्था की पोल तो खोल ही रहा है साथ ही तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. वहीँ सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया में बाबा सिद्दीकी की हत्या करने की जिम्मेदारी लेने वाले वाले गैंग एवं लॉरेंस बिश्नोई का महिमामंडन भी चल रहा है, जो बेहद ख़तरनाक है. किसी भी समाज एवं समुदाय के लिए हिंसा खतरनाक है, वहीँ इस तरह से अपराधियों का महिमामंडन करना हमारे समाज के युवाओं को भ्रमित कर सकता है. युवावस्था यूँ भी बहुत पेचीदगियों से भरी होती है. इस उम्र में हिंसा युवाओं को आकर्षित करती है. अतः मीडिया एवं हमारे समाज का उत्तरदायित्व हो जाता है कि समाज को एक शांति की राह पर ले जाया जाए. मेनस्ट्रीम मीडिया को विश्नोई समाज से सीखना चाहिए, जब पूरी मीडिया लॉरेंस बिश्नोई को हीरो बनाने पर तुली हुई है, तब विश्नोई समाज़ के अध्यक्ष ने अपने समाज की तरफ़ से बात रखी साथ ही लॉरेंस बिश्नोई को हीरो बनाने वाली सोच की निंदा भी की.. 
विश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष 'देवेंद्र बिश्नोई' का कहना है
- " विश्नोई समाज किसी भी अपराध का समर्थन नहीं करता है. अगर लॉरेंस बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी की मौत की जिम्मेदारी ली है तो वो गलत है. हमारे समाज का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हमारा समाज पेड़ों के लिए कुर्बानी दे सकता है, तो इंसान की हत्या का समर्थन कैसे करेगा ? हमारे समाज का इससे कोई ताल्लुक नहीं है. हर समाज में ऐसे अपराधी होते हैं और सलमान खान के साथ-साथ लॉरेंस बिश्नोई भी अपराधी है. काले हिरण शिकार मामले में सलमान खान का माफी मांगना और नहीं मांगना यह उनका विषय है और वो मामला कोर्ट में है अतः उसका फैसला कोर्ट करेगा लेकिन हत्या के समर्थन में हम नहीं है."

बाबा सिद्दीकी की हत्या के छह दिन बाद सलमान खान को पुनः जान से मारने की धमकी मिली है, मुंबई ट्रैफिक पुलिस को सलमान खान के नाम का धमकी भरा मैसेज मिला है. मैसेज करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का करीबी बताया है. मैसेज में ये भी लिखा है कि 'इसको हल्के में ना लें, वरना सलमान खान का हाल बाबा सिद्दीकी से भी बुरा होगा.' देश की कानून व्यवस्था बहुत ही लाचार दिख रही है, यहां कोई भी किसी का मर्डर कर रहा है, कोई भी किसी को धमकी दे रहा है, ये आज के दौर में सबसे ख़राब बात है. रात - दिन मीडिया में ऐसी मानसिकता का महिमामंडन करना बेहद घिनौना है. हो सकता है इससे कुछ दिनों के लिए टीआरपी मिल जाएगी लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव बहुत बुरे होने वाले हैं. मुंबई पुलिस पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं क्या कोई जेल में बैठकर मुंबई में किसी को भी मरवा सकता है?  मुंबई पुलिस निगरानी के नाम पर क्या कर रही है? इस हत्याकांड को लेकर आरोपों के घेरे में जिस तरह के लोग आ रहे हैं, उससे यह भी जाहिर हुआ है कि जेल में बंद कोई अपराधी कैसे आपराधिक साजिशों को आसानी से अंजाम दे लेता है और पुलिस लाचार होकर देखती रहती है. बाबा सिद्दीकी अजीत पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के ऐसे नेता थे, जिनकी राज्य की राजनीति और फिल्म उद्योग में खासी पकड़ और पैठ थी. जब इतने ऊंचे कद के नेता की सरेआम हत्या करने में अपराधियों को कोई खास बाधा पेश नहीं आई, तो आम लोग किस आधार पर खुद को सुरक्षित मानें. पकड़े गए आरोपियों के जरिए सामने आ सके ब्योरे यह बताने के लिए काफी हैं कि वारदात को अंजाम देते हुए उनके भीतर पुलिस और कानूनी कार्रवाई का कोई खौफ नहीं था. इससे सबसे चौकस मानी जाने वाली मुंबई पुलिस की कुशलता पर भी सवाल उठे हैं.

सलमान खान का परिवार काफ़ी चिंचित है, जो मजबूत होने की कोशिश कर रहा है लेकिन ऐसे वक़्त आसान नहीं होता. उनके परिवार ने बाबा सिद्दीकी पर हमले ने एक नया शक पैदा किया है, जिनका सलमान खान या उनके परिवार से कोई सीधा संबंध नहीं था. लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने बाबा सिद्दीकी की हत्या का श्रेय लिया है. लेकिन उनका मानना है कि सलमान खान के खिलाफ ताजा धमकियां एक गहरी और अधिक बड़ी साजिश को छिपाने की एक चाल हो सकती हैं. ‘क्या किसी के लिए जेल से काम करना वाकई इतना आसान है? और कोई सलमान को डराने के लिए बाबा सिद्दीकी पर हमला क्यों करेगा? यह सब बहुत ही संदिग्ध लगता है.’ मामला इतना आसान नहीं है जितना बनाया जा रहा है. 

सबसे अफसोसनाक है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर योगेश ने कहा कि मुझे बदायूं से अरेस्ट किया गया था. मेरे टांग में गोली लगी है. मैं आसिफ बाबा गैंग में हूं. उस गैंग को भी लॉरेंस बिश्नोई ही चलाते हैं. मैं गरीब हूं. मुझे सताया गया और मुझ पर मुकदमे लगाए गए हैं. सलमान केस में कुछ लोग बीच में आ गए तो कुछ न कुछ तो होगा ही. बाबा सिद्दीकी कोई सही आदमी थोड़ा था, उस पर मकोका के केस लगे थे. आम आदमी पर मकोका थोड़े ही लगता है? दाऊद इब्राहिम से भी उसके संबंध थे. एक शूटर इतने बड़े - बड़े खुलासे कर रहा है, जो खुद को बहुत गरीब भी बता रहा है इससे पता चलता है कि कैसे युवाओं को पथभ्रष्ट किया जा रहा है. हमे अपने समाज़ को अपराधीकरण से बचाने के लिए हिंसा, अहिंसा का भेद करना होगा. वैसे भी बेरोजगार, असंतुष्ट युवाओं को अपनी सोच के साथ बहा ले जाना आपराधिक प्रवृत्ति के लिए आसान होता है. इससे पहले हमारे युवाओं की दिशा विपरीत हो जाए हमें आपराधिक मानसिकता का महिमामंडन करने से बाज आना होगा. 

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