*मेरा आखों देखा भेड़ाघाट*
*मेरा आखों देखा भेड़ाघाट*
भेड़ाघाट धरती पर सबसे सुन्दर मनोरम स्थल कहा जाए तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी.विश्व के खूबसूरत धुआंधार जलप्रपात में से एक भेड़ाघाट को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल कर लिया है. यह मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ा तोहफा है. भेड़घाट की विहंगम खूबसूरती को देखने देश ही नहीं, विदेश से भी सैलानी आते हैं..
जबलपुर में इस जगत का, इस पृथ्वी का एक सुंदरतम स्थल है भेड़ाघाट.. मेरे हिसाब से शायद पृथ्वी में इतने सुन्दर स्थल बिरले ही होंगे. दो मील तक नर्मदा संगमरमर की पहाड़ियों के बीच से बहती है. दोनों तरफ संगमरमर की पहाड़ियां हैं. एक तो संगमरमर की पहाड़ी...हजारों ताजमहल का सौंदर्य इकट्ठा! फिर बीच से नर्मदा का बहाव... देखने में मनोरम लगता है. यह दृश्य देखने वालों को अपने तिलिस्म में बांध लेता है. मैं कई बार जबलपुर गया, लेकिन कभी भी भेड़ाघाट जाने का मौका नहीं लगा, जबलपुर जाकर लौट आता था, लेकिन इसी साल अप्रैल में जाने का अवसर मिला... जब मैंने नाव में बैठकर वोटिंग की, तो मुझे यकीन नहीं हो रहा था! मैंने अगल - बगल में मौजूद कई लोगों से पूछा - "मैं सचमुच इस संगमरमर के मनोरम दृश्य को देख रहा हूँ या कोई ख्वाब... पूर्णिमा की रात में भेड़ाघाट स्वर्ग का कोई टुकड़ा जैसा प्रतीत होता है...कई बार तो आभास होता है कि हम कोई ख्वाब देख रहे हैं क्योंकि इतना सुन्दर स्थान कैसे हो सकता है.. इतना ही जादू हो जाता है. भेड़ाघाट में तस्वीरें क्लिक कराने के लिए सुन्दर स्थान है... भेड़ाघाट की संगमरमर की मूर्तियों की नक्काशी मन मोह लेती है.
भरोसा नहीं आता कि इस पृथ्वी पर इतना सौंदर्य हो सकता है. लेकिन जबलपुर में ऐसे हजारों लोग हैं, जो तेरह मील दूर भेड़ाघाट देखने नहीं गये. लोगों के घरों में मेहमान आते हैं जो भेड़ाघाट देखने के लिए आते हैं, लेकिन उनको खयाल नहीं आया कि देखने जाना है, जबकि इतने पास है, कभी भी देख लेंगे... जो पास होता है, उसे कभी भी देख लेंगे... यही मेरे साथ हुआ है. हालाँकि भेड़ाघाट में एक बात पर गहरा दुख हुआ... मैंने देखा जहां पानी नीचे गिरता है, वहां के आसपास की जगह को सुसाइड पॉइंट कहते हैं, वहाँ रेलिंग तो लगी है, लेकिन वहाँ रोकने - टोकने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी नहीं थे. हज़ारों सैलानियों की भीड़ भाड़ को नियन्त्रित करने के लिए कोई गार्ड नहीं थे, हालांकि भेड़ाघाट देखने के लिए मुफ्त है, लेकिन वहाँ जब हज़ारों सैलानी आते हैं तो उनकी सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए या नहीं?? अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसका कौन जिम्मेदार होगा? वहाँ मैंने देखा सुसाइड पॉइंट पर बहुत से लोग रेलिंग क्रॉस करते हुए फोटो क्लिक करा रहे थे. यह बदइंतजामी ध्यान देने लायक है. भेड़ाघाट को यूनेस्को ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय सूचि में वैश्विक पर्यटन के रूप में शामिल कर लिया है. वैसे जबलपुर में आवागमन, ठहरने के लिए कोई समस्या नहीं है, लेकिन वहाँ इतने लोग आते हैं अगर किसी का बच्चा गिर गया तो बचाएगा कौन?? कम से कम भेड़ाघाट में एक टीम तैनात की जानी चाहिए जिससे लगे कि सरकार सुरक्षा के लिहाज से सतर्क और संजीदा है.
अभी पिछले साल भेड़ाघाट खूब लाइमलाइट में रहा. शाहरुख खान और तापसी पन्नू की फिल्म ‘डंकी’ में भेड़ाघाट को दिखाया गया है. इसके अलावा हृतिक रोशन की फिल्म मोहनजोदड़ो में भी भेड़ाघाट को खूब दिखाया गया है.. प्राण जाये पर वचन ना जाये, अशोका, जिस देश में गंगा बहती है और बॉबी जैसी फिल्मों की भी यहां शूटिंग हो चुकी है... कुलमिलाकर दुनिया भेड़ाघाट को लेकर खूब उत्सुकता दिखा रही है. अब मध्यप्रदेश सरकार को पर्यटन के क्षेत्र में अतुलनीय काम करने के लिए भेड़ाघाट को वैश्विक स्तर पर सैलानियों को आकर्षण के लिए काम करना चाहिए, और बजट भी बनाना चाहिए, इसके लिए विज्ञापन भी निकलवाने की आवश्यकता है. दुनिया जितना देखेगी उतना मानेगी... अन्यथा बात तो वही रही कि भेड़ाघाट, खजुराहो, जैसे वैश्विक पर्यटन स्थलों को न हम सहेज पाए और न ही जागृत कर पाए...ये कुछ गम्भीर सवाल उकेरे गए हैं जिससे जिन पर प्रशासन का ध्यान आए.
दिलीप कुमार पाठक
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