लाइसेंस टू थ्रिल : जेम्स बॉन्ड का जादू

*लाइसेंस टू थ्रिल : जेम्स बॉन्ड का जादू*
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जेम्स बॉन्ड एक ए ऎसा नाम सुनकर ही मन रोमांच से भर जाता है. जेम्स बॉन्ड का जादू ऐसा कि हमेशा सिर चढ़कर बोलता है... जेम्स बॉन्ड एक बहुरंगी नाम है जो कभी बूढ़ा नहीं होता... हमेशा से ही चिर युवा बना हुआ है, कहते हैं, जेम्स बॉन्ड मिशन की दुनिया का सबसे ख़तरनाक जासूस है जो बहुत रोमांटिक भी है... अब तो लगता है, जेम्स बॉन्ड कभी न खत्म होने वाला रहस्य है जिसका तिलिस्म रहती कायनात तक बरकार रहेगा. कहने को तो 'जेम्स बॉन्ड' एक कालजयी नायक है जो वक़्त की पाबंदियों को भी जीत चुका है. वक़्त कैसा भी हो जेम्स बॉन्ड' अपनी गति से चलता है. जेम्स बॉन्ड एक ऐसा किरदार है जो दर-असल एक कल्पना से गढ़ा गया है लेकिन ऐसा लगता है कि ये नायक थोड़ा - थोड़ा लोगों की आम ज़िन्दगी में घुलमिल गया है. अब तक जेम्स बॉन्ड लोगों की जिंदगी में अपना वास्तविक अस्तित्व बना चुका है.


जेम्स बॉन्ड 007 अंग्रेज़ी एक्शन, सस्पेंस की दुनिया में एक कालजयी शृंखला है. जेम्स बॉन्ड दुनिया की सबसे ज्यादा लम्बे समय तक चलने वाली, वहीँ सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली दुनिया की दूसरी सीरीज है. जेम्स बॉन्ड भले ही काल्पनिक नायक है, लेकिन इसे असली नायक बनाने वालों का जिक्र जरूरी हो जाता है.  ईओन प्रोडक्शंस के तहत निर्माताओं ने अब तक छह दशकों में यानि 60 सालो में 007 ने एक के बाद एक छह अभिनेताओं को जेम्स बॉन्ड के रूप में सिल्वर स्क्रीन पर उतारा है. अब तक 007 की मुख्यतः 25 फ़िल्में बनी जो दुनिया में महान शृंखला की रचना करती है. इतनी लम्बी चलने वाली परम्परागत सीरीज हॉलीवुड में किसी भी फिल्म की नहीं है जो 'जेम्स बॉन्ड' की है. हॉलीवुड की कई महान फ़िल्में चार पार्ट तक ही सीमित हो जाती हैं   या यूं कहें कि निर्माता को उस किरदार की लोकप्रियता खोने का डर होता है, तमाम किरदार आए गए हो जाते हैं लेकिन 'जेम्स बॉन्ड' का जादू थमने का नाम नहीं ले रहा. हीरो भी बूढ़ा हो जाता है, लेकिन जेम्स बॉन्ड 007 के हीरो का किरदार एक्शन, रोमांच से भरा हमेशा चिरयुवा ही रहता है. सिने प्रेमियों को आज भी 007 की फ़िल्मों का शिद्दत से इंतज़ार रहता है. सस्पेंस और एक्शन से भरपूर जेम्स बॉन्ड कई देशों की सैर तो करता ही है साथ ही अपने दर्शकों को भी सैर कराता है.

रंग बिरंगी ग्लैमर की दुनिया में डूबते जासूसी के तारों, यंत्रों, तंत्रों में समाते खुंखार आपराधिक महा खलनायकों की दुनिया में अद्भुत नेटवर्क को नेस्तनाबूद करता हुआ अपने दर्शकों से परिचय कराता है "जेम्स बॉन्ड"... एक सफल व्यवसायिक फ़िल्म, हाई-टेक प्लॉट, उत्तम श्रेणी का एक्शन, हर बार अपने दर्शकों को अपने एक्शन से हैरान करने वाला "जेम्स बॉन्ड" दुनिया भर के किसी भी किरदार से बहुत मुख्तलिफ है. 007 की इस महान शृंखला में प्रत्येक 'जेम्स बॉन्ड' के लिए अदाकार का चयन इतना आसान नहीं होता. निर्माताओं की अभेद्य, और दुरुस्त आखें इनका चयन करती हैं. छठवीं बार 'जेम्स बॉन्ड' बने 'डेनियल क्रेग' की बात करें तो इनके दौर में लगभग दो सौ से अधिक अभिनेताओं को परखा गया था. जब 007 ने जेम्स बॉन्ड किरदार निभाने के लिए  'डेनियल क्रेग' का एलान किया तो उनके कई प्रतिस्पर्धी नायकों एवं कई दर्शकों ने अपना असंतोष जाहिर किया और विरोध में फिल्म का बहिष्कार करने का एलान कर दिया. पूर्व के अभिनेताओं के बरअक्स  'डेनियल क्रेग' को उनके विरोधियों ने अब तक जेम्स बॉन्ड द्वारा गढ़े प्रतिमानों के अनुरूप सुन्दर, आकर्षक  नहीं पाया, दर्शक जिसके आदी हो चुके थे. 'द डेली टाइम्स' ने भी  'डेनियल क्रेग' की आलोचना करते हुए एक आर्टिकल रिलीज किया जिसका शीर्षक था 'माय नेम इज़ जेम्स ब्लैंड' जिसमें बहिष्कार भी लिखा गया था. इतनी विसंगतियों के बावजूद भी 007 की 'जेम्स बॉन्ड' सीरीज की पहली फ़िल्म 'कसीनो रॉयल'  के लिए  'डेनियल क्रेग' को समीक्षकों ने खूब सराहा,  'डेनियल क्रेग' ने अपनी प्रतिभा एवं अपने एक्शन से अपने आलोचकों का मुँह बंद कर दिया था.  'डेनियल क्रेग' फ़िल्म में नायकों - महाखलनायकों में सबसे ज्यादा गंभीर, असरदार और घातक साबित हुए. इतनी आलोचनाओं के बाद  'कसीनो रॉयल' अपनी ही सीरीज की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली सीरीज की बॉन्ड फिल्म बन गई. जिसमें ब्रिटेन में सबसे बड़े फ्राई-डे ओपनिंग करने वाली फिल्म बन गई, जिसने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले. जेम्स बॉन्ड की मुख्यतः 25 फ़िल्में जिसमें  'डेनियल क्रेग' की "नो टाइम टू डाई है", जो 2020 में रिलीज हुई जिसमें  'डेनियल क्रेग' पांचवी बार  'जेम्स बॉन्ड' बने थे, 'डेनियल क्रेग' छठे ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने जेम्स बॉन्ड की भूमिका निभाई है. जेम्स बॉन्ड के रूप में डेनियल शानदार रहे हैं, छरहरा शरीर, कमाल की फिटनेस, संजीदा, अधिकल्पभासी, टफ, एंग्री और अंतर्मुखी हैं. आत्मा एवं शरीर में चोट खाने के लिए सक्षम, छेड़े जाने पर परवाह न करने, सख्त रहने वाले 'जेम्स बॉन्ड' रहे हैं. रैंकिंग की बात करें तो कुछ मैग्ज़ीन एवं पेपर्स ने अपनी - अपनी पसंद में ज्यादातर  'डेनियल क्रेग' को रखा है. हालाँकि अब तक की जेम्स बॉन्ड की फ़िल्मों में 'गोल्डन फिंगर' को सबसे बड़ा मुकाम हासिल है. 

अब तक लोकप्रियता की बात की जाए तो सारे के सारे अदाकार कालजयी रहे हैं. जिनमे से 1. शॉन कॉनरी 2. जॉर्ज लेजेनबी 3. रॉजर मूर 4. टिमोथी डाल्टन 5. पियर्स ब्रोस्नन 6. डैनियल क्रेग... आदि प्रमुख हैं. 2021 में  'डेनियल क्रेग' का कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन अब सवाल है कि सातवां जेम्स बॉन्ड कौन होगा? हालांकि अब अनेकों नाम 'डेनियल क्रेग' को टक्कर दे रहे हैं जिनमे इड्रिस एल्बा, टॉम हिडलस्टन, हेनरी कैविल, माइकल फासबेंडर, रिचर्ड मैडेन, आरोन टेलर-जॉनसन, जेम्स नॉर्टन... आदि शामिल हैं. जैसा पहले ही जिक्र किया कि इसके नायक का चुनाव आसान नहीं होता. जेम्स बॉन्ड की फिल्म शृंखला में प्रत्येक हीरो, कलाकारों के बीच थीम में साधारण भिन्नता रहती है, जिसका सबसे ज्यादा श्रेय पटकथा लेखकों, निदेशकों को जाता है, कि वे अभिनेताओं के लिए कैसा लिखते, कैसा गढ़ते हैं. जेम्स बॉन्ड बने शॉन कॉनरी दिखने में आकर्षक, शरीर से मजबूत, आँखों में गम्भीरता, बहुत सारी भाव भंगिमाएं थीं, वहीँ एक और जेम्स बॉन्ड बने 'रॉजर मूर' थोड़ा विनम्र हैं. वहीँ अपने पूर्ववर्ती जेम्स बॉन्ड में थोड़ा अधिक रोमांटिक है. जब कि 'टिमोथी डाल्टन' जेम्स बॉन्ड के रूप में अधिक कुटिल, क्रोधी, और बेहद रोमांटिक भी है. इसके बाद 'पियर्स ब्रोस्नन' जेम्स बॉन्ड बनकर सिल्वर स्क्रीन पर आए जो उत्कृष्ट, आकर्षक बेहद सुन्दर मॉडल के रूप में देखे गए.  'पियर्स ब्रोस्नन' के समय एक बात सबसे अच्छी रही कि इनके समय स्टोरी, एवं पटकथा सबसे शानदार रही. 

सबसे पहली 'जेम्स बॉन्ड' की फ़िल्म 'डॉ. नो' थी जिसके हीरो 'शॉन कॉनरी' रहे. 'गोल्डन फिंगर' इनकी सबसे अच्छी फ़िल्म रही, जिसे ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. और सबसे ज़्यादा दुर्भाग्य यह रहा कि जेम्स बॉन्ड किरदार की कल्पना करने वाले, उसे गढ़ने वाले जेम्स बॉन्ड के जन्मदाता 'यान फ्लेमिंग' का फ़िल्म देखने से पहले ही निधन हो गया. सभी महान हॉलीवुड फ़िल्मों से हटकर जेम्स बॉन्ड अपनी पंचलाइन भी इस्तेमाल करता है. सभी जेम्स बॉन्ड आम तौर पर विशेष परिस्थितियों में चतुराईपूर्ण संवाद बोलते हैं, और कभी न कभी किसी न किसी सीक्वेंस में यह भी कह्ते हैं-- "माय नेम इज़ बॉन्ड.... जेम्स बॉन्ड"... यही जेम्स बॉन्ड की फ़िल्मों का अहम स्टाइल है. बॉन्ड सिरीज में  'शॉन कॉनरी' ने छह फ़िल्मों में काम किया वहीँ, 'जॉर्ज लेजेनबी' सबसे कम एक फ़िल्म में काम किया. सबसे ज्यादा  'रॉजर मूर' ने शृंखला की सात फ़िल्मों में नायाब अभिनय किया. इसके बाद 'टिमोथी डाल्टन' जो जेम्स बॉन्ड के रूप में काफी रोमांटिक, और प्रसिद्ध थे फिर भी बॉन्ड श्रृंखला की केवल दो फ़िल्मों में ही काम कर सके, क्योंकि प्रोडक्शन हाउस किसी मुश्किलों में पड़ गया और जेम्स बॉन्ड की श्रृखंला खटाई में पड़ गई, जिससे 'टिमोथी डाल्टन' की उम्र युवा नहीं रही थी, जिससे उन्हें सीरीज से अलग होना पड़ा. 

'जेम्स बॉन्ड' जब इतने दिलचस्प होते हैं तो उनके खलनायकों का चुनाव भी बेहद दिलचस्प होता है.  बॉन्ड के खलनायकों का स्वभाव अधिकांश घमंडी होता है. बॉन्ड के खलनायकों का ख्वाब दुनिया फतह करने का होता है, जो इसके मंसूबे गढ़ते रहते हैं. वे अधिकतर करिश्माई बुद्धिमान होते हैं, लेकिन साथ ही अहंकारी, अति आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं, जो चैलेंज को आमंत्रित करते रहते हैं. हालांकि बॉन्ड के खलनायक जमीन से जुड़े हुए चरित्र होते हैं जैसे दवा, हथियार, तस्कर अपराधियों के लिए पैसा पूर्ति के लिए भी काम करते हैं. हालांकि 'टिमोथी डाल्टन' के दोनों खलनायक ज़्यादा विशिष्ट होते हैं. जेम्स बॉन्ड को जासूस 007 क्यों कहा जाता है, 008 या 009 क्यों नहीं कहा जाता. कोड नंबर 007 का अर्थ:
- 00: लाइसेंस टू किल मतलब मारने की अनुमति 
- 7: व्यकिगत कोड नंबर है.  MI6 (ब्रिटिश गुप्तचर एजेंसी) द्वारा दिया गया कोड नंबर... इयान फ्लेमिंग के उपन्यासों में पहली बार दिखाई दिया फिल्मों में भी इसका उपयोग किया गया है. यही कारण है कि 007 कोड नंबर जेम्स बॉन्ड की पहचान और गुप्तचर होने का प्रतीक बन गया है. इस तरह दूसरे जेम्स बॉन्ड का जन्म हुआ. 

जेम्स बॉन्ड के लेखक फ्लेमिंग द्वितीय विश्व युद्ध ज़ंगकारी विभाग में कार्यरत थे. पूरे युद्घ के दौरान कई जासूसों के अध्ययन पर फ्लेमिंग ने जेम्स बॉन्ड किरदार को गढ़ा. जेम्स बॉन्ड की फ़िल्में कई खूबियों के लिए जानी जाती हैं, जिसमें इसका म्युज़िक भी बहुत ख़ास है जिसे कई बार एकेडमी सम्मान में नामांकित किया गया है. 'ईओन प्रोडक्शंस' की सारी जेम्स बॉन्ड फ़िल्मों में अनूठा बन्दूक वायरल दृश्य फिल्माया जाता है, जिसे ग्राफिक्स कलाकार मेरिस द्वारा निर्मित किया गया. जब जेम्स बॉन्ड सिल्वर स्क्रीन पर चलता है तो दर्शकों द्वारा उसे बंदूक की नली पर चलता हुआ दिखाया जाता है, जेम्स बॉन्ड घूमता है और सीधे दर्शकों की तरफ गोली चलाता है, इसी के साथ एक चिरपरिचित अंदाज़ में संगीत बजाया जाता है.. इस सीरीज की लोकप्रियता में उसकी उत्तम कारें, हथियार, और कई सारे तकनीकी एलिमेंट शामिल हैं. फ़िल्मों के शीर्षक गीतों को कई महान गायकों ने अपनी आवाज दी है, जिसमें पॉल मैंकार्टनी का लोकप्रिय गीत 'लाइव एंड लेट डाई' भी है. एक बात जानकर हैरानी होगी कि विदेशों में इस तरह की रोचक काल्पनिक कहानियो पर पहले कॉमिक्स ही बनाए जाते हैं बाद में फ़िल्मों के रूप में ढाला जाता है. 1957 में 'द डेली एक्सप्रेस' ने फ्लेमिंग से उनकी कहानी पर कॉमिक्स बनाने का अनुरोध किया, लेकिन फ्लेमिंग को लगा कि कॉमिक्स में उनकी लिखावट की गुणवत्ता नहीं दिखेगी, हालांकि फ्लेमिंग मान गए थे. कॉमिक्स की आपार सफ़लता के बाद जेम्स बॉन्ड सिल्वर स्क्रीन पर उतरा जिसका जादू आज भी बरकार है. दुनियाभर के सिनेमा प्रेमियों को सातवें जेम्स बॉन्ड का शिद्दत से इंतज़ार है. एक दौर ऐसा भी आने वाला है जब में दुनिया इस बात को मानने को तैयार नहीं होगी कि जेम्स बॉन्ड एक कल्पना है.


*दिलीप कुमार पाठक*
नई दिल्ली 
सम्पर्क dileeppathak449@gmail.com 
मो :9755810517 

लेखक, पत्रकार व फ़िल्म समीक्षक हैं, देश दुनिया के प्रतिष्ठित पत्र - पत्रिकाओं में राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, पक्षों पर निरंतर लिखते हैं. वहीँ सिनेमा के विभिन्न पक्षों पर गम्भीरता से लिखते हैं.

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