लौकी : सेहत, सौंदर्य, पोषण की दोस्त
*लौकी : सेहत, सौंदर्य, पोषण की दोस्त*
डॉ कहते हैं लौकी सबसे ज़्यादा फायदेमंद सब्ज़ी है, फ़िर भी आज के बच्चों को लौकी देखकर ही चिढ़ होती है, किसी भी घर में लौकी की सब्ज़ी देखकर बच्चे नाक सिकोड़ने लगते हैं. बहुतेरे बच्चे पूछते हैं - "मम्मी और कौन सी सब्ज़ी बनी है? मम्मी का ज़वाब सुनकर कई बच्चे तो कह देते हैं मम्मी भूख नहीं है. अधिकांश बच्चे खाना खाने के पहले ही सो जाने की ऐक्टिंग करते हैं कि लौकी न खाना पड़े. बच्चे तो बच्चे वयस्क भी लौकी खाने से कतराते हैं. कई लोग बाज़ार से लौकी लाते ज़रूर हैं लेकिन घर में लौकी के नाम पर क्लेश करते हैं जबकि अधिकांश महिलाएं लौकी की सब्ज़ी को ज़्यादा तरजीह देती हैं. लौकी पकाने में थोड़ा ज़्यादा समय लगता है, जो कईयों को बोझल लगता है. आम तौर पर देखा जाए तो गृहणियां सेहतमंद खाने को ज़्यादा रूचकर बनाती हैं, भले ही समय ज़्यादा लगे, गृहणियां भले ही खुद स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हों लेकिन परिवार के लिए एकदम सजग होती हैं.
अब तक सिद्ध हो चुका है कि लौकी पौष्टिक फायदेमंद सब्ज़ी है, लेकिन फिर भी हमारे देश में लौकी चुटकुले बनाने के काम आती है...लौकी डॉक्टर्स, बुजुर्गों की सब्ज़ी कही जाती है. भोज्य पदार्थ शरीर को निरोगी बनाए रखने में सहायक होते हैं, साथ ही रोगों को भी ठीक करने में पूरी तरह से सक्षम है. इन प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में औषधीय गुण होते हैं जो कई रोगों से बचाव करने के साथ ही बीमारियों से छुटकारा भी दिलाते हैं. औषधीय गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थों में लौकी का नाम भी शामिल है. अक्सर घर पर बड़े बुजुर्ग बच्चों को लौकी खाने की सलाह देते हैं. तब घर के बुजुर्गों की बात अनसुनी कर दी जाती है. बीते कुछ सालों से निरंतर योग, व्यायाम को तरजीह देने के बाद डॉ की सलाह पर नियमित सुबह लौकी का जूस पीना अब मेरी भी दिनचर्या में शामिल है. पहले मज़बूरी में लौकी की सब्ज़ी मैं भी खाता था, लेकिन अब रोज लौकी के सेवन से धारणाएं तो बदल ही गईं हैं, अपितु अब लौकी स्वादिष्ट भी लगती है. मैं एक सप्ताह में कम से कम दो दिन लौकी तो खाता ही हूँ. लौकी के सेवन से मुझे आँखों, सिरदर्द, पाचन में फायदा हुआ है.
*लौकी का नियमित सेवन करने से प्रमुख फायदे हो सकते हैं* -----
लौकी को हल्की सब्जियों में गिना जाता है, इसे खाने से पेट में भारीपन नहीं रहता, बल्कि यह शरीर में ताजगी बनाए रखने में सहायक है. प्रतिदिन तरोताजा बने रहने के लिए, नमक या मसाले डालकर लौकी का जूस पीना कारगर उपाय है.
लौकी का सबसे बड़ा फायदा है, कि यह आपका वजन बहुत जल्दी कम करने में सहायक होती है. इसलिए इसे उबालकर नमक के साथ खाया जाता है, या फिर इसका जूस पीना भी फायदेमन्द हो सकता है. लौकी पाचन संबंधी समस्याओं का उत्तम इलाज है, साथ ही यह एसिडिटी में भी लाभप्रद है. लौकी को अपने भोजन में शामिल करने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है. डाइबिटीज के मरीजों के लिए लौकी का सेवन एक प्रभावकारी उपाय है. डाइबिटीज में खाली पेट लौकी का सेवन करना बेहतर होगा. यूरिनरी डिऑर्डर में भी लौकी बेहतर उपाय है. यह शरीर में सोडियम की अधिकता को कम करने में सहायक है, जो यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है. लौकी का प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है, और वह आकर्षक दिखाई देती है. कई महिलाएं व युवतियां इसके लिए लौकी का प्रयोग कर सकती हैंंं. कैंसर को रोकने में फ़ायदेमंद लोकी के जूस का सेवन करने से कैंसर को रोकने में मदद मिल सकती है कुछ वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि लौकी के अंदर ‘कीमोप्रीवेंटिव’ प्रभाव पाया जाता है जो कैंसर को दूर रखने में सहायक होता है, जो शरीर से कैंसर को दूर रखने का काम करता है. लौकी के जूस का सेवन करने से त्वचा कैंसर होने का ख़तरा कम हो जाता है. लौकी को भोजन में शामिल करने से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बहुत आसानी से धीरे- धीरे कम होने लगता है, जिससे हृदय संबंधी या कोलेस्ट्रॉल से होने वाली अन्य समस्याएं नहीं होतीं. इसके लिए लौकी का जूस एक आदर्श पेय माना जाता है.
बदलते हुए दौर में लौकी हाईब्रिड बीज़ से बुआई करने के बाद इंजेक्शन से तैयार की जाती है, बाज़ार में देशी शुद्ध लौकी पहिचान पाना भी एक बड़ी साधना है. अतः इसका बढ़िया उपाय है, घर की बालकनी, गार्डन, आदि में लौकी उगाई जा सकती है. हालाँकि लौकी के जूस का सेवन करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है कि इसे किसी अन्य वेजिटेबल जूस के साथ मिक्स न करें. लौकी का जूस बनाने से पहले उसे टेस्ट कर लें, यदि वह कड़वी हो तो उसका सेवन बिल्कुल न करें. इसमें टेट्रासायक्लिक होता है, जो आपको डिहाइड्रेशन, जी मचलाना, गैस जैसी समस्याएं दे सकता है. तो अब लौकी से परहेज कैसा....? इसे भोजन में शामिल करें और हमेशा स्वस्थ रहें है ना फायदे का सौदा ...? लौकी की सब्जी जूस, सूप, पकौड़े, चटनी लौकी का हलवा, रायता, टिक्की आदि बनाकर लौकी से रोचक, स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं. और अब लौकी बनाने वाले कवियों की नहीं सुनना अब नियमित लौकी का सेवन करना हैं. जैसे ही हम लौकी के प्रति धारणाएं बदलेंगे वैसे ही लौकी में स्वाद आने लगेगा.
दिलीप कुमार पाठक
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