'आ जा आ जा.... मैं हूँ प्यार तेरा'

आ जा आ जा.... मैं हूँ प्यार तेरा
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आ जा आ जा.... मैं हूँ प्यार तेरा' अल्ला अल्ला इंकार तेरा' नासिर हुसैन साहब की ब्लॉक बस्टर फ़िल्म तीसरी मंज़िल में मजरुह सुल्तानपुरी साहब का लिखा रॉकिंग गीत जिसने हिन्दी सिनेमा के परंपरागत संगीत को पलट कर रख दिया. इस गीत ने ऐसी आग लगाई थी, जिसकी तपिश हिन्दी सिनेमा के गीतों में आज भी मौजूद है. ये वही गीत है जिसके बाद हाई पिच पर रफी साहब की जादुई आवाज़, पंचम दा के नशीले संगीत के साथ शम्मी कपूर साहब की एनर्जी भरी परफॉर्मेंस ने शम्मी कपूर को हिन्दी सिनेमा का रॉकिंग सुपरस्टार बना दिया था. जुबली गर्ल आशा पारेख की अदाओ के तो क्या ही कहने माशाल्लाह फिल्म सहित गीत के फिल्मांकन में गोल्डी आनन्द का निर्देशन लाज़वाब है. विजय आंनद (गोल्डी) फिल्म को बिल्कुल अपनी हथेली पर रखने की ख़ासियत रखते थे. 

इस हाई पिच के रॉकिंग गीत को उस दौर की महान मॉर्डन गायिका आशा ताई ने गाने से इंकार कर दिया था. उन्होंने कहा था, 'यह गीत मेरे बस का नहीं है. आज भी मॉर्डन गायिकी में आशा ताई से बड़ी कोई गायिका नहीं है. 

पंचम दा (आर डी बर्मन) कई फ़िल्मों में सफल संगीत दे चुके थे. सभी को पता है इस फिल्म को देव साहब ने करने से मना कर दिया था. बाद में शम्मी कपूर जुड़े, शम्मी कपूर साहब निर्देशक ने नासिर हुसैन से गुज़ारिश किया कि संगीतकार के रूप में शंकर - जय किशनजी को लिया जाए ". क्योंकि तब मॉर्डन संगीत में शंकर - जय किशनजी का जलवा था, वहीँ शम्मी कपूर उनके साथ ज्यादा सहज थे. तब नासिर हुसैन ने मना कर दिया. पंचम दा इस फिल्म के साथ इसलिए भी जुड़े थे क्योंकि देव साहब की फ़िल्मों में बर्मन दादा या उनकी टोली के उनके पुत्र पंचम दा या जयदेव ही संगीत देते थे.. अतः संगीत तो पंचम दा ही देंगे. नासिर हुसैन ने कहा 'पंचम जैसे चाहो प्रयोग कर सकते हो, लेकिन गीत धमाकेदार लीक से हटकर होना चाहिए. 

तीसरी मंजिल से एक साल पहले गुमनाम फ़िल्म के सुपरहिट गीत' जान-पहिचान हो, जीना आसान हो' शंकर - जय किशनजी ने कंपोज किया था, इस गीत को रफी साहब ने गाया था. यह गीत रॉक एंड रोल पर आधारित था. नासिर साहब ने भी ऐसे ही एक हाई पिच पर रॉक एंड रोल सोलो की बजाय डुएट सोंग की मांग की. सच कहा जाए तो शंकर - जय किशनजी के रॉकिग संगीत का तिलिस्म पंचम दा ने ही तोड़ा था. देखा जाए तो पंचम दा संगीत रचने में बहुत रिस्की थे, और फिल्म निर्देशक सहित पूरी यूनिट के सब्र की खूब परीक्षा लेते थे, संगीत रचने से पहले खूब भ्रमण करते थे. स्थानीय कोई संगीत पसन्द आता तो उस पर संगीत रच देते थे, और अपनी धुन बना लेते थे. हालांकि उस दौर में संगीतकारों का अपना जलवा होता था. कहते हैं इस आईकॉनिक गीत के संगीत को उन्होंने कोलकाता में सुना था, पंचम दा ने इसमे अपनी धुन बनाकर वेस्टर्न संगीत तड़का लगाया, और उस दौर की सबसे मॉर्डन सिंगर आशा भोसले को परोस दिया. 

 आशा भोसले ने तब तक कई मॉर्डन गीत गाए हुए थे. मॉडर्न गीत गाने वाली वो भारत की सबसे बड़ी गायिका हैं. जब उन्होंने इस गीत को सुना तो उन्होंने गाने से ही मना कर दिया कहा यह गीत मेरे गाने की क्षमता से बाहर है. पंचम दा ने कहा कि मैं इसकी धुनें थोड़ा आसान कर देता हूं. तब आशा भोसले ने कहा नहीं नहीं मैं इसे इसी धुन पर गाऊँगी, लेकिन कुछ रियाज़ करना पड़ेगा. क्यों कि यह गीत कुछ हटकर है. तब पंचम दा ने कहा फ़िर तो तुम नहीं गा सकती, भला आशा ताई कहाँ हार मानने वाली थीं. आशा ताई ने पंद्रह दिनों तक कड़ी प्रैक्टिस की और जब रिकॉर्डिंग पर आईं तो बिल्कुल परफैक्ट थीं. जब आशा ताई ने शर्त जीत ली तो पंचम दा ने सौ रुपये दिए उस समय सोना 84 रू का एक तोला मिलता था. 

इस दुनिया में आठवां अजूबा हमारे महान रफ़ी साहब थे, वो इसलिए कि रफी साहब अपनी तरह के इस दुनिया में इकलौते थे. रफ़ी साहब ने इस कठिन गीत को बिना रियाज़ के एक टेक में गा दिया था. रफ़ी साहब अपने साथी गायक - गायिकाओं को खूब उत्साहित करते थे, उन्होंने आशा भोसले की खूब सराहना की. तब पंचम दा ने रफी साहब को भी सौ रुपये इनाम देना चाहा तब रफी साहब ने बड़ी शिष्टता के साथ मना कर दिया था. रफ़ी साहब का यह गीत भारत सहित पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुआ. यही वो गीत था जिसने शम्मी कपूर को हिन्दी सिनेमा का रॉकिंग सुपरस्टार बना दिया. मैं जब कभी थोड़ा उदास होता हूँ तो शम्मी कपूर की एनर्जी एवं रफी साहब की जादुई आवाज़ वाले गीत सुनता हुआ गोल्डन एरा में तैर जाता हूँ. दौर वो अद्भुत था. 

रफ़ी साहब :  

आ जा आ जा मैं हूँ प्यार तेरा 
अल्लाह अल्लाह इन्कार तेरा ओ
ओ आ जा, आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ ...
आ जा आ जा, मैं हूँ प्यार तेरा 
अल्ला अल्ला, इनकार तेरा ओ 
ओ आ जा, आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ ...

रफ़ी साहब :
तुमपे हज़ारों की आँखें, चाहिये तुमको सहारा ओ 
पल्कों मैं आओ छुपालूं, नाज़ुक तन हैं तुम्हारा ओ 
ओ आ जा ...
आ जा आ जा, मैं हूँ प्यार तेरा 
अल्ला अल्ला, इनकार तेरा ओ 
ओ आ जा, आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ ...

आशा ताई :
मेरा खयाल तुझे हैं, मैंने अभी यही जाना ओ 
सच्चा हैं प्यार की झूठा, ये हैं मुझे आज़माना हो 
ओ आ जा ...
आ जा आ जा, देखो प्यार तेरा 
अल्ला अल्ला, इनकार तेरा ओ 
ओ आ जा, आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ ...

रफ़ी साहब :
ओ ...
रखना था दिल पे हमारा, हाथ छुड़ाके चली हो 
आशा: ओ ...
जी हां ज़रा ये भी कहिये, आग लगा के चली हूँ ओ 
ओ आ जा ...
रफ़ी: 
आ जा आ जा देखो प्यार तेरा 
अल्लाह अल्लाह इन्कार तेरा ओ

रफ़ी साहब :
आ जा आ जा देखो प्यार तेरा 
अल्लाह अल्लाह इन्कार तेरा ओ

कोलैब (दोनों) 
ओ आ जा, आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ जा, आ ए ए आ जा, 
आह आह आ....

दिलीप कुमार

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