देव साहब एवं मदर इन्डिया

देव साहब ने मदर इंडिया की की खूब ब्रांडिंग की थी.

देव साहब की ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म थी काला बाज़ार फिल्म सन 1960 में रिलीज हुई थी, महबूब खान निर्देशित फिल्म मदर इन्डिया सन 1957 में रिलीज हुई. मदर इन्डिया बनकर कम्प्लीट हो चुकी थी. शूटिंग पूरी हो चुकी थी. महबूब खान ने डिस्ट्रीब्यूटर को मदर इन्डिया दिखाई कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर मदर इन्डिया को खरीदने के लिए रुचि नहीं दिखा रहा था. उन्होंने मदर इन्डिया के राइट्स खरीदने से मना कर दिया. उन्होंने कहा इसमे कोई बड़ा हीरो नहीं है क्योंकि सुनील दत्त, राजेन्द्र कुमार तब स्थापित नहीं हुए थे. सिर्फ नरगिस के नाम पर नहीं खरीद सकते हमारा नुकसान हो सकता है,क्योंकि मदर इन्डिया के राइट्स बहुत महंगे थे.

सुनकर महबूब खान को बुरा लगा उन्होंने खुद की ही डिस्ट्रिब्यूशन कम्पनी खोल डाली, महबूब खान ने बंबई के लिबर्टी सिनेमा हॉल में प्रीमियर आयोजित किया. जिसने पूरे बॉलीवुड को दावत दी थी कि आइए और मदर इन्डिया देखिए यह बात महबूब खान के लिए करो या मरो की स्थिति थी. महबूब के आमंत्रण पर पूरा बॉलीवुड उमड़ गया था उसके प्रीमियर में किशोर कुमार, गुरुदत्त साहब, रफी साहब, लता मंगेशकर, आशा भोसले, नरगिस, दिलीप कुमार, राज कपूर राजेन्द्र कुमार, पृथ्वीराज कपूर, राज कुमार, आरडी वर्मन, साहिर, मजरुह,, अशोक कुमार, बलराज साहनी, सहित पूरा बॉलीवुड दिखा.

उस दौर में फिल्म प्रीमियर नहीं दिखते थे. आम लोगों के लिए मोबाइल, इन्टरनेट का ज़माना नहीं था. देवानंद को अपनी फिल्म बनाना था जिसका नाम "काला बाज़ार" था काला बाज़ार देव साहब की ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म थी. जिसको उनके छोटे भाई विजय आनन्द ने निर्देशित किया, देव साहब को पता चला कि मदर इन्डिया के प्रीमियर में पूरा बॉलीवुड आने वाला है, तब उन्होंने महबूब खान से परमिशन लेकर अपनी फिल्म के लिए वो प्रीमियर उपयोग किया. उस प्रीमियर को देवानंद, ने अपनी फिल्म काला बाज़ार में दिखाया,

काला बाज़ार फिल्म में देव साहब फ़िल्मों की टिकटों की कालाबाजारी करते हैं, उस दौर में सिनेमा हॉल के बाहर टिकटों की मारामारी होती थी, खूब कालाबाजारी भी होती थी, जिसमें दिखाया जाता है कि मदर इन्डिया रिलीज हो गई है सिनेमा हॉल भरे हुए हैं, जिस मदर इन्डिया फिल्म को पूरा बॉलीवुड देखने आया है. उस दौर में सिनेमा हॉल के बाहर सोल्ड आउट के बोर्ड बहुत ही आम बात थी. वहीँ देव साहब फिल्म की टिकटों की कालाबाजारी कर रहे हैं यही कुछ मिनट की क्लिप देव साहब ने अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म काला बाज़ार में दिखाया. देव साहब की काला बाजार लैंडमार्क फिल्म थी, यह हिंदी सिनेमा में पहली बार ऐसा हुआ था कि किसी फिल्म में दूसरी फिल्म का प्रीमियर कैप्चर किया गया था. देव साहब के दूर तक देखने का दूरदर्शी सोच का परिणाम था कि रियल प्रीमियर विथ रियल स्टार उस दृश्य को अपनी फिल्म में उपयोग करते हैं. 

देव साहब बहुत ही दूरदर्शी व्यक्ति, सिनेमाई समझ में अव्वल थे, उन्होंने तीन साल पहले ही अपनी फिल्म के लिए सबसे शानदार क्लिप फ़िल्मा लिया एवं उनको अंदेशा था कि मदर इन्डिया ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर होने वाली है. यह एक ऐसी पहली फिल्म थी जिसमें देवानंद एवं उनके दोनों भाई दिखे. क्योंकि चेतन आनन्द, विजय आनन्द को भी मदर इन्डिया प्रीमियर में न्योता मिला था वो भी गए थे दोनों भाई प्रीमियर मे दिखे देव साहब अपना बिजनैस फ़िल्मा रहे थे, यह इकलौती फिल्म है जिसमें आनन्द ब्रदर तीनों देखे गए थे.यह देव साहब, के लिए यह इतना मुश्किल नहीं था, महबूब खान एवं देव साहब की अच्छी दोस्ती थी, हालाँकि उन्होंने कभी भी एक साथ काम नहीं किया. दिलचस्प बात यह है कि महबूब स्टुडियो के अन्दर ही देव साहब के नवकेतन स्टुडियो का ऑफिस था. जिसमें देव साहब अपना ड्रेस अप रखते थे.

दिलीप कुमार

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